परिचय (Introduction)
- भारतीय ज्ञान परम्परा इस पाठ्यक्रम में आप सभी का स्वागत है।
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यह पाठ्यक्रम भारतीय ज्ञान प्रणाली से परिचित करवाता है। इसमें भारत की संस्कृति, सभ्यता, पर्यावरण, भाषा, वास्तुशास्त्र, कालगणना, दार्शनिक चिन्तन विवध दर्शनों के सन्दर्भ में, ज्योतिष, व्याकरण, साहित्य, वेद, वेदाङ्ग और पुराणादि शास्त्रों का परिचय इसमें करवाया जायेगा। यह पाठ्यक्रम स्नातक एवं स्नातकोत्तर हेतु निर्मित किया गया।
भारतीय ज्ञान परम्परा - परिचय (Indian Knowledge System - Introduction)
- भारत में ज्ञान की परंपरा बहुत ही प्राचीन है और इसका आरंभ वेदों से माना जाता है। भारतीय ज्ञान-विज्ञान परंपरा एक समृद्ध और विविधतापूर्ण इतिहास रखती है, क्योंकि यह परंपरा हजारों सालों से चली आ रही है। जो सदियों से मानव सभ्यता को आकार देती रही है। यह परंपरा सिर्फ भारत की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रही है, बल्कि विश्व के विभिन्न हिस्सों में इसका गहरा प्रभाव पड़ा है।
- हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता ने सदियों से विज्ञान, गणित, खगोल, चिकित्सा, आयुर्वेद और दर्शन जैसे अनेक क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया है। भारतीय मनीषियों ने अपने गहन चिंतन और अनुसंधान से न केवल अपने देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी विज्ञान और ज्ञान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण स्थान हासिल किया।
- भारतीय ज्ञान सदियों से चला आ रहा है, जिसमे वेदों का बड़ा योगदान रहा है, वेद भारतीय सभ्यता के सबसे पुराने ग्रंथ हैं, जिनमें ज्ञान के कई आयामों का वर्णन मिलता है। ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद में प्राकृतिक विज्ञान, चिकित्सा और गणित के सिद्धांतों का वर्णन मिलता है। उपनिषद, जो वेदों के ही हिस्से हैं, भारतीय दर्शन का केंद्र बिंदु माने जाते हैं।
ज्ञान की परिभाषा ( Defination of Knowledge)
- यदि यह कहा जाए तो ज्ञान की परिभाषा देना भी ज्ञान ही है, ज्ञान वह सूचना, तथ्य, समझ और अनुभव है जिसे व्यक्ति द्वारा सीखा, अर्जित या समझा जाता है।
- यह किसी विशेष विषय या वस्तु के बारे में गहन जानकारी और समझ का परिणाम होता है।
- ज्ञान केवल जानकारी तक सीमित नहीं होता, बल्कि व्यक्ति की अनुभवजनित समझ, तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता को भी शामिल करता है।
- इसका उद्देश्य व्यक्ति को सटीक निर्णय लेने और समस्याओं का समाधान करने में सक्षम बनाना होता है।
विज्ञान की परिभाषा (Defination of Science)
- विज्ञान की परिभाषा यह है कि विज्ञान एक प्रणालीबद्ध अध्ययन है जो प्राकृतिक और भौतिक दुनिया के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए निरीक्षण, प्रयोग, विश्लेषण और परीक्षण का उपयोग करता है।
- यह ज्ञान की वह शाखा है जो तथ्यों, सिद्धांतों और नियमों के आधार पर ब्रह्मांड के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या करती है।
- विज्ञान तर्कसंगतता, सबूतों और अनुभवजन्य अनुसंधान पर आधारित होता है, और इसका उद्देश्य प्रकृति और उसके कार्य-प्रणाली को समझना और उपयोगी आविष्कार करना होता है।
भारतीय विज्ञान का इतिहास (History of Indian Knowledge)
- विज्ञान का इतिहास भी बेहद समृद्ध रहा है। इसमें खगोल, गणित, और चिकित्सा विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिकाएं हैं। भारत की ज्ञान और विज्ञान परंपरा का वैश्विक प्रभाव भी गहरा रहा है। कई प्राचीन भारतीय विचार और सिद्धांत पश्चिमी विज्ञान और दर्शन पर भी प्रभाव डाल चुके हैं। तो आइये जानते है कि किस तरह ज्ञान और विज्ञान का हमारी ज़िन्दगी पर प्रभाव पड़ता है|
- प्राचीन भारत में शिक्षा का माध्यम गुरुकुल प्रणाली थी, जहां छात्र अपने गुरु के सानिध्य में ज्ञान प्राप्त करते थे। यह प्रणाली संपूर्ण और समग्र शिक्षा प्रदान करती थी।
- भारत में योग और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की परंपरा भी अत्यंत समृद्ध रही है, जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का संतुलन स्थापित करती है।
- भारत में धर्म और दर्शन का विज्ञान से अद्भुत समन्वय रहा है। यहाँ के धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथों में विज्ञान के सिद्धांतों का गहन विवरण मिलता है, जो अद्वितीय हैं।
- आर्यभट्ट और वराहमिहिर ने गणित और खगोल विज्ञान में जो योगदान दिया है, वह आज भी वैज्ञानिक समाज द्वारा मान्यता प्राप्त है। आर्यभट्ट ने शून्य की खोज की और ग्रहों की गति का अध्ययन किया।
- रामानुजन ने गणित के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया। उनकी थ्योरियों ने आधुनिक गणित को नई दिशा दी।
- मध्यकालीन और आधुनिक भारत में विज्ञान के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण खोजें और विकास हुए। सी.वी. रमन, एपीजे अब्दुल कलाम और विक्रम साराभाई जैसे वैज्ञानिकों ने भारतीय विज्ञान को वैश्विक मंच पर पहुँचाया।
- भारत की ज्ञान और विज्ञान परंपरा का वैश्विक प्रभाव भी गहरा रहा है। कई प्राचीन भारतीय विचार और सिद्धांत पश्चिमी विज्ञान और दर्शन पर भी प्रभाव डाल चुके हैं।
ज्ञान-विज्ञान परंपरा के प्रमुख आयाम (Main Aspect of Indian Knowledge System)
- वेद और उपनिषद: भारतीय ज्ञान का आधार वेद और उपनिषद हैं। इन ग्रंथों में धर्म, दर्शन, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान आदि विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई है।
- आयुर्वेद: आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है जो रोगों के निदान और उपचार के लिए प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग करती है।
- योग: योग एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है जो शरीर, मन और आत्मा को एकीकृत करने में मदद करता है।
- ज्योतिष: भारतीय ज्योतिष ग्रहों और नक्षत्रों की गति के आधार पर भविष्यवाणी करने की एक विधि है।
- गणित: भारतीय गणितज्ञों ने शून्य, दशमलव प्रणाली और बीजगणित जैसे महत्वपूर्ण गणितीय सिद्धांतों का विकास किया।
- खगोल विज्ञान: प्राचीन भारतीय खगोलविदों ने ग्रहों की गति और ब्रह्मांड की संरचना के बारे में गहन अध्ययन किया।
- धातुकर्म: भारतीयों ने धातुओं को शुद्ध करने और उनसे विभिन्न उपकरण बनाने की कला में महारत हासिल की थी।
भारतीय ज्ञान-विज्ञान का विश्व पर प्रभाव (The Effect of Indian Knowlege and Science on the World)
भारतीय ज्ञान-विज्ञान का विश्व के विभिन्न हिस्सों में व्यापक प्रभाव पड़ा है। उदाहरण के लिए:
- योग: आजकल योग विश्वभर में एक लोकप्रिय व्यायाम और तनाव निवारण तकनीक के रूप में प्रचलित है।
- आयुर्वेद: आयुर्वेद के सिद्धांतों का उपयोग आधुनिक चिकित्सा में भी किया जाता है।
- गणित: भारतीय गणित के सिद्धांतों का उपयोग आधुनिक गणित में किया जाता है।
- धर्म और दर्शन: भारतीय दर्शन के सिद्धांतों ने पश्चिमी दर्शन को भी प्रभावित किया है।
ज्ञान-विज्ञान के संरक्षण और संवर्धन (Conservation & Preservation of Knowledge and Science)
भारतीय ज्ञान-विज्ञान परंपरा को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- शिक्षा: स्कूलों और विश्वविद्यालयों में भारतीय ज्ञान-विज्ञान को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
- अनुसंधान: भारतीय ज्ञान-विज्ञान पर अधिक से अधिक अनुसंधान किए जाने चाहिए।
- संस्थान: भारतीय ज्ञान-विज्ञान पर केंद्रित संस्थानों की स्थापना की जानी चाहिए।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: भारतीय ज्ञान-विज्ञान को विश्व के अन्य देशों के साथ साझा किया जाना चाहिए।
- Teacher: DR NARESH KUMAR BAIRWA